धान की पैदवार बढ़ाने के तरीके 

धान की पैदवार बढ़ाने के तरीके
धान की पैदावार बढ़ानेेे के तरीक 


हमारे देश भारत में धान की खेती लगभग पुरे देश में होती है  लेकिन आज भी बहुत किसान ऐसे है की धान की खेती करके अधिक पैदवार नही ले पते हैं ,इसके पीछे एक नही बहुत से कारण है मिटटी,जलवायु,धानकी किस्म,आदि,इन सबसे जरुरी है हम जो भी धान की किस्म लगा रहे है उससे अच्छी पैदवार ले सकते है,

धान की पैदावार कैसे बढ़ाएं?

धान की पैदवार के लिए धान रोपाई से लेकर धान कटाई तक बहुत से कार्य करने होते हैं,लेकिन धान रोपाई से 45 दिन की धान की यह ऐसी अवस्था है,जिसमे हमको विशेष ध्यान रखना होता है तभी हम धान की पैदवार बढ़ा सकते हैं। 
धान की उपज बढ़ाने के लिए आप ऐसे कुछ असान काम करके धान की उपज बढ़ा सकते हैं।
अब आप सोच रहे होगें की कौन से उपाय किये जाय और क्या क्या जरूर काम है जो हमे करने होगें। 
एक सबसे महत्वपूर्ण बात पर आप को ध्यान दिला दें,की हम बहुत से कठिन काम को करना याद रखते हैं, लेकिन जो सामान्य काम है उनको नहीं करते हैं, इसका मतलब है कि हमको इन छोटे-छोटे काम को भी करना चाहिए।
चलिए ग्रोथ और पैदवार के इन छोटे उपाय की बात करते हैं।
1.धान की रोपाई के समय धान की जड़ो को उपचारित जरूर करनी चाहिए।
2.धान रोपाई के पहले ढैचा की बुवाई करें जिससे खेत मे जरूरी पोषक तत्व की पौधे को मिलती रहें।
3.धान खेत की अंतिम जुताई के पहले यदि ढैचा नहीं बुवाई किया है तो खेत मे गोबर की सड़ी खाद यानी कंपोस्ट खाद जरूर डालें इसको देने से जरूरी पोषक और शुक्ष्म तत्व की पूर्ति हो जाती है।
4. धान रोपाई के लिए स्वस्थ नर्सरी की रोपाई करें।जिससे रोग बीमारी लगने की समस्या नही होगी और पौधों की रोपाई के बाद पौधे अच्छी तरह ग्रोथ और विकास करेगा।
5.धान की रोपाई से पहले या रोपाई के 10 दिन के अन्दर अपने खेत मे नाइट्रोजन, फास्फोरस, और पोटास की पूर्ति कर देनी चाहिए। जिससे धान की अच्छी ग्रोथ और विकास होगा और पौधे के लिए जरूरी तत्व मिलेंगे।
6.धान रोपाई के 15-25 दिन के अन्दर धान में जिंक और यूरिया का प्रयोग करें जिससे धान के खेत में जिंक की कमी नही होगी और नाइटोज़ की भी पूर्ति हो जाएगी।इससे पौधे में हरितलवक बढेगा और पौधे अपना भोजन आसानी से बना पाएंगे जिससे पौधे का समुचित विकास होगा। पौधा एकदम स्वस्थ रहेगा।
7. धान रोपाई के समय धान में खरपतवार उगाने से रोकने के लिए रोपाई के 24 घण्टे के अंदर धान में खरपतवार नाशक pritilaclore, या ब्यूटाक्लोर, को 3-5 इंच पानी भरकर करें और खेत मे 7-15 दिन के अन्दर भरा रहने दें जिससे खरपतवार नही उगेंगे। क्योंकि यदि खेत में खरपतवार उगते हैं तो फसल कमजोर विकास रुक जाता हैं,जिससे को भी उर्वरक देते हैं पौधे को न मिलकर खरपतवार ले लेते हैं और पौधे कमजोर हो जाता है।
8.धान रोपाई के 15-21 दिन पर ग्रोथ बढ़ाने के लिए खेत मे सरसो की खली 25-35 kg प्रति एकड़ के हिसाब से छिटक दें,या फिर 5kg खली का घोल बना कर स्प्रे करें। दूसरा स्प्रे 45-55दिन पर दोबारा करें। या समुद्री शैवाल से बने ग्रोथ प्रमोटर का स्प्रे करें।इसको भी 15-25 दिन पर पहला स्प्रे और दूसरा स्प्रे 45-55 दिन पर करें।
9. धान में ग्रोथ प्रमोटर देने के बाद या विपरीत परिस्थितियों के होने पर धान में फफूंदजनित रोग लगते है। इस लिए खेत में उर्वरक के साथ सल्फर की 5kg मात्रा जरूर दें, सल्फर देने से खेत में फफूंदजनित रोग नही लगेंगे।
10.फफूंदजनित रोगों के अतिरिक्त और बहुत से रोग बीमारी लगते हैं जिसके लिए बचाव के उपाय जरूर करें। यदि किसी तरह का कीट लगा है तो कीट नियंत्रण के लिए कीटनाशक दवाओं का प्रयोग करें। समय पर अपने खेतों में ये सभी काम करने से धान की ग्रोथ,विकास कल्ले की संख्या अधिक निकलेगी। और धान की पैदवार बढ़ेगी। 
11. धान में खरपतवार उगने पर धान में खरपतवार नाशक का स्प्रे करें अच्छे परिणाम के लिए जब खरपतवार 3-4पत्ती की हो तभी खरपतवार नासी का स्प्रे कर देने से अच्छी तरह से नियंत्रण होता है और फसल को नुकसान नहीं होता।
इस तरह से धान की फसल की पैदावार बढ़ाने के लिए समय पर खेती में जरूरी काम करने से धान की उपज बढाई जा सकती है।


धान की अच्छी पैदवार के लिए video देखें।


Dhan ki pariwar badhane ke tarike